इंटरनेशनल न्यूज. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को पूर्व कांग्रेसी और अमेरिकी कांग्रेस में चुनी गईं पहली हिंदू तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस की नई निदेशक (DNI) नियुक्त किया। तुलसी गबार्ड पहले एक डेमोक्रेट थीं, लेकिन हाल ही में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया था। चार बार कांग्रेसी रहीं गबार्ड, 2020 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्टसेलिंग लेखक भी हैं। उनके नाम तीन बार मिडल ईस्ट और अफ्रीका में तैनाती का भी अनुभव है।
ट्रम्प ने गबार्ड की तारीफ करते हुए कहा, “मैं गर्व के साथ घोषणा करता हूँ कि पूर्व कांग्रेसी, लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में सेवा देंगी। दो दशकों से अधिक समय से तुलसी ने देश और सभी अमेरिकियों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए काम किया है।”
बढ़ते समर्थन के बीच बनीं खुफिया निदेशक
पूर्व डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर तुलसी को दोनों पार्टियों से समर्थन प्राप्त है। ट्रम्प ने कहा कि उनका “निर्भीक दृष्टिकोण” खुफिया समुदाय में एक नया आयाम ला सकता है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी अक्सर भारत से जुड़ी मानी जाती हैं, उनका भारत से कोई संबंध नहीं है। उनकी माता ने हिंदू धर्म को अपनाया था और अपने सभी बच्चों को हिंदू नाम दिए।
USA सामोन मूल और भगवद गीता पर शपथ
अमेरिकी सामोन मूल की तुलसी गबार्ड खुद को हिंदू मानती हैं और वह अमेरिकी कांग्रेस में चुनी गईं पहली हिंदू थीं। उन्होंने पद की शपथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी। 9/11 हमलों के बाद उन्होंने आर्मी नेशनल गार्ड में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया। 2004 में उन्होंने एक आसान पुनर्निर्वाचन अभियान छोड़कर 29वें ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के साथ इराक में एक मेडिकल यूनिट में तैनात होने का फैसला किया था।
सैन्य सेवाओं के बाद राजनीति में कदम
2006 में गबार्ड ने अमेरिका लौटने के बाद सीनेटर डैनी अकाका के अधीन एक विधायी सहायक के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने दूसरी बार मध्य पूर्व में बतौर प्लाटून लीडर तैनाती का अनुभव प्राप्त किया। 31 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ने का निश्चय किया, इस संकल्प के साथ कि वे सैन्य सेवाओं में अपने भाई-बहनों के बलिदान का सम्मान करेंगी।
पार्टी में शामिल और ट्रम्प का समर्थन
अक्टूबर में गबार्ड ने डेमोक्रेट पार्टी छोड़कर स्वतंत्र बनने की घोषणा की। अगस्त में उन्होंने ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के लिए समर्थन दिया और जल्द ही उनके ट्रांजिशन टीम की सह-अध्यक्ष बन गईं। अक्टूबर में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया। इसी साल 30 अप्रैल को उनकी पहली पुस्तक “फॉर लव ऑफ कंट्री: लीव द डेमोक्रेट पार्टी बिहाइंड” प्रकाशित हुई, जिसने अगले ही सप्ताह न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्टसेलर्स सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया।
तुलसी गबार्ड का नया पद और उनके अनुभव इस पद पर एक नई दृष्टि और परिवर्तनकारी पहल ला सकते हैं।