वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए नई ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस तक अपनी बात पहुंचाने की योजना बनाई है। एक प्रमुख सामुदायिक नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि बांग्लादेश सरकार पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाने के लिए ये प्रयास किए जा रहे हैं।
ट्रंप का साहसिक बयान
भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉ. भरत बरई ने राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान से उत्साहित होकर विश्वास जताया कि वे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। बरई ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “ट्रंप ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार और मंदिरों की तोड़फोड़ के खिलाफ साहसिक बयान दिया है। वे एक साहसी व्यक्ति हैं और अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो वे आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं।”
भारतीय-अमेरिकियों की अपील
रई ने वाशिंगटन में अमेरिकी कैपिटल में आयोजित वार्षिक दिवाली समारोह के दौरान कहा कि समुदाय के सदस्य ट्रंप प्रशासन और कांग्रेस से बांग्लादेशी सरकार पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, “अगर बांग्लादेश के वस्त्र निर्यात, जो उनके व्यापार का 80% हिस्सा है, पर रोक लगती है, तो वहां की जनता क्या खाएगी?” बरई ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वह सेना के नियंत्रण में है।
भारतीय सरकार से हस्तक्षेप की अपील
बरई ने भारतीय सरकार से भी अपील की कि वह बांग्लादेश पर दबाव बनाए और अत्याचार जारी रहने पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करे। उन्होंने कहा, “अगर वे हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करते रहेंगे, तो भारत को भी प्रतिबंध लगाने चाहिए।”
ट्रंप का बांग्लादेश पर कड़ा रुख
5 नवंबर के आम चुनावों से कुछ दिन पहले ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था, “मेरे शासन में ऐसा कभी नहीं होता। हम अमेरिका और दुनिया भर में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।”
राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप
बरई ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार के तख्तापलट में बाहरी हस्तक्षेप के आरोप लगाए और कहा कि इसमें कुछ वैश्विक ताकतें, जैसे जॉर्ज सोरोस और पीटर ओमिद्यार, शामिल हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में दंगे भड़काए गए थे।
कट्टरपंथी लॉबी पर हमला
बरई ने “अति-वामपंथी जागरूकता लॉबी” की भी आलोचना की और उम्मीद जताई कि उन्हें या तो सुधारा जाएगा या किनारे कर दिया जाएगा। उन्होंने ट्रंप के नेतृत्व में हिंदू-अमेरिकी समुदाय के बेहतर भविष्य की उम्मीद जताई।