भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक को एक बार फिर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से नोटिस मिला है। यह तीसरी बार है जब फरवरी माह में बिक्री और पंजीकरण में अनियमितताओं के संबंध में ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस से यह स्पष्ट है कि इस मामले की जांच और कड़ी कर दी गई है तथा मंत्रालय कंपनी द्वारा दी जा रही जानकारी से संतुष्ट नहीं है।
ओला ने 25,000 स्कूटर बेचने का दावा किया
ओला इलेक्ट्रिक ने फरवरी में 25,000 स्कूटर बेचने का दावा किया, लेकिन केवल 8,652 स्कूटर ही पंजीकृत हुए। कंपनी ने इसके पीछे कारण बताते हुए कहा कि उन्हें अपने वाहन पंजीकरण विक्रेताओं के साथ विवाद का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि वह फरवरी में बेचे गए सभी स्कूटरों का पंजीकरण मार्च के अंत तक पूरा कर लेगी।
मंत्रालय ने एक प्रश्न पूछा
मार्च महीने में अब तक करीब 19,000 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने स्कूटर फरवरी में बिके और कितने मार्च महीने में। इसके साथ ही अब मंत्रालय ने नोटिस भेजकर पूछा है कि क्या फरवरी में बेचे गए ओला स्कूटर बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर दौड़ रहे हैं, क्या ये स्कूटर बिना नंबर प्लेट के ग्राहकों को दिए गए हैं और क्या स्टोर से ओला स्कूटर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के बेचे जा रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच
अब तक ओला इलेक्ट्रिक को तीन नोटिस भेजे जा चुके हैं। इससे पहले 18 मार्च और 21 मार्च को नोटिस भेजा गया था। तीसरा नोटिस भेजने के साथ ही सरकार ने कंपनी से सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। यह भी पूछा गया है कि क्या उसके पास वैध व्यापार प्रमाण पत्र है या नहीं, तथा वैध व्यापार प्रमाण पत्र के साथ कितने मॉडल बेचे जा रहे हैं।
इन राज्यों में शोरूम सील
ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और कई राज्यों में कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तराखंड में भी कंपनी के शोरूम सील कर दिए गए हैं और स्कूटर जब्त कर लिए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि व्यापार प्रमाणपत्रों की कमी थी।