तहव्वुर राणा : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है। जानकारी के अनुसार, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश एलेना कगन द्वारा तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद उसके वकील ने कगन को पहले से भेजे गए आपातकालीन आवेदन को नवीनीकृत करते हुए अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन को अमेरिकी शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए।
प्रत्यर्पण से बचने के राणा के आखिरी प्रयास के खिलाफ कोर्ट ने फैसला सुनाया
63 वर्षीय तहव्वुर राणा, एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक, वर्तमान में लॉस एंजिल्स जेल में बंद है। उसे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था जिसमें 175 लोग मारे गए थे।
स्वास्थ्य संबंधी दावे सुप्रीम कोर्ट में विफल रहे
सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर आपातकालीन आवेदन में तहव्वुर राणा ने दावा किया था कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया गया तो भारत में उसे प्रताड़ित किया जाएगा क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है।
कानूनी लड़ाई में गतिरोध, बीमारी की दलील खारिज
राणा ने 13 नवंबर 2024 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि मुंबई 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा भारत प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहा था। उसके वकील जोशुआ एल ड्राटल ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
तहव्वुर राणा की बचाव टीम के पास बचे कुछ ही विकल्प
अपील में तर्क दिया गया कि प्रत्यर्पण दोहरे खतरे के सिद्धांत का उल्लंघन करेगा, जो एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा चलाने से बचाता है। लंबी कानूनी लड़ाई हारने के बाद, राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने भी 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट से राणा की याचिका खारिज करने की अपील की।