नई दिल्ली. 16 दिसंबर को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गई, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 से 450 के बीच दर्ज किया गया। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने तुरंत कदम उठाए और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत नियम लागू किए।
GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) क्या है?
GRAP एक आपातकालीन योजना है जो दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता के स्तर के आधार पर कदम उठाने के लिए बनाई गई है। इसके तहत विभिन्न चरणों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए जाते हैं।
प्रदूषण के मुख्य कारण
- दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खराब होने के तीन प्रमुख कारण हैं:
- हवा की गति का धीमा होना
तापमान का गिरना
उच्च आर्द्रता
इन तीनों कारणों के कारण हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे लोगों की सेहत पर खतरा मंडराता है।
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए 5 महत्वपूर्ण टिप्स
फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के शुद्ध हवा विशेषज्ञ, डॉ. अर्जुन खन्ना ने सुरक्षा के कुछ प्रमुख उपाय साझा किए हैं:
सुबह और शाम को बाहर जाने से बचें – इस समय प्रदूषण की तीव्रता सबसे अधिक होती है। N95 मास्क पहनें – यह मास्क प्रदूषकों को फिल्टर करने में मदद करता है। स्वस्थ आहार लें – ओमेगा-3 और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर भोजन शामिल करें। AQI की निगरानी करें – हवा की गुणवत्ता के अनुसार अपनी गतिविधियों की योजना बनाएं। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें – घर के अंदर हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर लगवाएं।
जॉगिंग के लिए सही समय
डॉ. खन्ना के अनुसार, सुबह के समय जॉगिंग या बाहरी एक्सरसाइज से बचें। इसकी बजाय दोपहर में बाहर जाना बेहतर है, जब प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम होता है।
वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
एक अध्ययन के अनुसार, PM2.5 और PM10 जैसे कणों का लंबे समय तक संपर्क विभिन्न गंभीर बीमारियों, जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस और सूजन वाली बीमारियों का कारण बनता है। दिल्ली की स्थिति केवल यहां के लोगों के लिए नहीं, बल्कि अन्य शहरों, जैसे मुंबई के लिए भी चिंताजनक है।
सामाजिक चर्चा का विषय
प्रसिद्ध टेक उद्योगपति ब्रायन जॉनसन ने मुंबई में प्रदूषण के कारण अपनी सेहत खराब होने का जिक्र सोशल मीडिया पर किया। उन्होंने N95 मास्क और एयर प्यूरीफायर के बावजूद प्रदूषण के प्रभावों से बचने में कठिनाई महसूस की और इसे “गंभीर स्वास्थ्य खतरा” बताया।