क्राइम न्यूज. मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर एनआईए ने 13 नवंबर को इन मामलों को नए सिरे से दर्ज किया। गृह मंत्रालय ने राज्य में बढ़ती हिंसा और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जांच एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया। एनआईए की टीमों ने 21 और 22 नवंबर को घटनास्थलों का दौरा किया और जांच प्रक्रिया शुरू की। मणिपुर पुलिस से संबंधित दस्तावेज एनआईए को सौंपने का कार्य अभी जारी है।
पहला मामला: बोरोबेक्रा में हमला और हत्याएं
11 नवंबर को अज्ञात हथियारबंद आतंकवादियों ने बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और आसपास के इलाकों में हिंसा की। उन्होंने कई घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान छह लोगों, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस और सीआरपीएफ ने घटनास्थल पर पहुंचकर जवाबी कार्रवाई की। तलाशी अभियान में दो जले हुए शव बरामद हुए। एनआईए ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 और शस्त्र अधिनियम, 1959 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
दूसरा मामला: सीआरपीएफ चौकी पर हमला
उसी दिन जिरीबाम के जाकुराधोर करोंग और बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशनों के पास स्थित सीआरपीएफ चौकी पर सशस्त्र आतंकवादियों ने हमला किया। हमले में सीआरपीएफ का एक कांस्टेबल घायल हो गया। तलाशी अभियान में हमलावरों के शव, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। एनआईए ने इसे बीएनएस, 2023 और शस्त्र अधिनियम, 1959 की विभिन्न धाराएं फिर से दर्ज किया।
तीसरा मामला: महिला की निर्मम हत्या
7 नवंबर को जिरीबाम के जैरोलपोकपी में एक महिला की हत्या ने राज्य को झकझोर कर रख दिया। हथियारबंद आतंकवादियों ने तीन बच्चों की मां के साथ बलात्कार किया और उसे जिंदा जला दिया। यह मामला पहले 8 नवंबर को जिरीबाम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। एनआईए ने अब इसे बीएनएस, 2023, शस्त्र अधिनियम, 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत फिर से पंजीकृत किया है।
एनआईए का उद्देश्य
एनआईए का मुख्य उद्देश्य इन घटनाओं के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करना और दोषियों को शीघ्र सजा दिलाना है। गृह मंत्रालय ने इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए एजेंसी को तेज और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।