बिजनेस न्यूज. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विनियामक अनुपालन में कुछ चूक के लिए कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक पर ‘बैंक ऋण वितरण के लिए ऋण प्रणाली पर दिशानिर्देश’ और ‘ऋण और अग्रिम – कानूनी और अन्य प्रतिबंध’ पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए 61.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
किस गलती के लिए जुर्माना लगाया गया?
एक अन्य बयान में रिजर्व बैंक ने कहा कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर कुछ ‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ निर्देशों का पालन न करने के लिए 38.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पंजाब नेशनल बैंक पर ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीनों मामलों में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जुर्माना विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित था और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं था।
यस बैंक को 244 करोड़ रुपये का नोटिस
यस बैंक ने बुधवार को कहा कि उसे कर निर्धारण वर्ष 2016-17 के लिए 244.20 करोड़ रुपये का मांग नोटिस प्राप्त हुआ है। बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, “पुनर्मूल्यांकन आदेश में, पुनर्मूल्यांकन आय और उस पर कर की गणना के लिए निर्धारित आय के बजाय आयकर रिटर्न में घोषित आय पर विचार किया गया।” इसने कहा कि, इस संबंध में, 15 अप्रैल, 2025 को क्षेत्राधिकार निर्दिष्ट अधिकारी (जेएओ) द्वारा एक नया आदेश पारित किया गया था।
यस बैंक ने कहा, “उक्त सुधार आदेश के परिणामस्वरूप बिना किसी वैध कारण के अत्यधिक पुनर्गणना के लिए 244.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कर मांग हुई है।”बैंक ने कहा, “बैंक इस आदेश के खिलाफ जेएओ के समक्ष तुरंत सुधार आवेदन दायर करेगा, क्योंकि यह मांग निराधार प्रतीत होती है।” इसके अतिरिक्त, बैंक अपील दायर करने सहित अन्य सभी उपलब्ध उपायों पर विचार करेगा।