गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा कस्बे के पास एक पटाखा गोदाम में मंगलवार सुबह बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे इमारत में आग लग गई और इमारत का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। इस हादसे में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट सुबह करीब 9:45 बजे हुआ, जब पटाखों का अवैध रूप से भंडारण और निर्माण किया जा रहा था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े 200-300 मीटर दूर जाकर गिरे। मृतकों में से अधिकांश मजदूर थे, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के हरदा जिले के हलिया गांव के रहने वाले थे। प्रशासन ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन भारी तबाही के कारण बचाव कार्यों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सात दमकल गाड़ियां, आठ एम्बुलेंस भेजी गईं
जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए राहत कार्यों के लिए सात दमकल गाड़ियां, आठ एम्बुलेंस, एक एसडीआरएफ टीम और चार बुलडोजर भेजे। पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना के अनुसार घटना के कारणों की जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि दीपक ट्रेडर्स नाम की यह फैक्ट्री दीपक मोहानी और उसके पिता खूबचंद मोहानी चला रहे थे। इस गोदाम को पहले पटाखे रखने का लाइसेंस मिला था, लेकिन यह लाइसेंस 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त हो गया और बाद में इसका नवीनीकरण नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अंतर्गत धनराशि जारी की गई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुखद दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। पीएमओ द्वारा ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा गया, “गुजरात के बनासकांठा में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटना दिल दहला देने वाली है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” इसके अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।