नई दिल्ली. दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते हालात के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। इसके तहत विशेषज्ञों की सलाह के बाद ऑड-ईवन योजना समेत अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “सीवियर-प्लस” श्रेणी में पहुंच गया, जिससे शहर में सांस लेना मुश्किल हो गया है। AQI का स्तर 494 था, जो पिछले छह वर्षों में दूसरा सबसे खराब आंकड़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के अनुसार, AQI का स्तर 441 से बढ़कर 494 हो गया था, जो पूरे देश में सबसे अधिक था।
ऑड-ईवन योजना पर विचार
दिल्ली सरकार की ओर से वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें ऑड-ईवन योजना को फिर से लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस योजना के तहत, वाहन संख्या के आधार पर ऑड और ईवन तारीखों पर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है। पहले इसे 2016 में AAP सरकार ने लागू किया था, जब प्रदूषण की स्थिति गंभीर थी।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और विशेषज्ञों की चिंता
वायु प्रदूषण के कारण लोग सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, और चिकित्सक इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह प्रदूषण न केवल संवेदनशील समूहों के लिए बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक है। प्रदूषण से आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में देरी को लेकर अधिकारियों को लताड़ा है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू करने में देरी पर चिंता जताई है।
गोपल राय का केंद्र सरकार से अपील
गोपल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है, और उन्होंने केंद्र से आपातकालीन उपायों की अपील की है ताकि उत्तर भारत को इस स्थिति से बचाया जा सके। दिल्ली में वायु गुणवत्ता इस स्तर तक पहुंच गई है कि अब N95 मास्क पहनना न केवल एक विकल्प बल्कि एक आवश्यकता बन गई है।